Friday, March 16, 2012

just like tiny matter that stays afloat in nothingness but is seen only when a ray of sunlight sneaks past from the corner of the curtain.....

it is there, when it is not there, and when it is there, it might not be there….

जहाँ कुछ नहीं है....वहां तुम हो....

....और तुम कहीं नहीं हो .......




Tuesday, March 13, 2012

कैसे जीते हो ...
हमेशा खुश दिखते हो

यार, तुम घूमते कितना हो?

बर्फ में भी सर्दी नहीं लगती क्या?
हर तस्वीर में बस मुस्कुराते दिखते हो?
पर आँखों को काले चश्में से क्यों ढक लेते हो?

तुम थकते नहीं?

माथे पे कोई शिकन ना ही कपड़ो पे
आँख के नीचे काले दब्भे पड़ते है और ना ही तुम्हारे कभी बाल बिखरते देखे

तुम्हे नयी जगह आसानी से नींद जाती है??

कितने बेफिक्र दिखते हो
खुल कर हँसते हो
मुस्कराहट और दांत इतने perfect कैसे रखते हो?


कैसे जीते हो ...
हमेशा खुश दिखते हो

Friday, March 02, 2012

चलो कुछ बात करे
बस तुम कहो और मैं सुनूं

somewhere, on the slant of a mountain, where sun and shadow play a game.
somewhere, from we can see a river flowing, and hear a distant falling waterfall,
also can see snow clad peaks of some far far away mountains.

somewhere, we can sit silent, and yet talk.

बस , यूँ ही बैठे रहे और खामोशियों को बात करने दे
यह सांसें थक गयी है , इन्हें थोडा सुकून दे

चलो कुछ बात करे
बस तुम कहो और मैं सुनूं .....