कितने घाव भरे है तुमने
अभी कितनी चोटे बाकी है
कितने ग़म दफ़न है सीने में
और कितनी सांसें बाकी है
कितने अश्क थमे है पलकों पर
और कितनी दरिया प्यासी है
कितनी बार तुम्हे पुकारों
और कितने मरहम बाकी है?
अभी कितनी चोटे बाकी है
कितने ग़म दफ़न है सीने में
और कितनी सांसें बाकी है
कितने अश्क थमे है पलकों पर
और कितनी दरिया प्यासी है
कितनी बार तुम्हे पुकारों
और कितने मरहम बाकी है?