कितने घाव भरे है तुमने
अभी कितनी चोटे बाकी है
कितने ग़म दफ़न है सीने में
और कितनी सांसें बाकी है
कितने अश्क थमे है पलकों पर
और कितनी दरिया प्यासी है
कितनी बार तुम्हे पुकारों
और कितने मरहम बाकी है?
अभी कितनी चोटे बाकी है
कितने ग़म दफ़न है सीने में
और कितनी सांसें बाकी है
कितने अश्क थमे है पलकों पर
और कितनी दरिया प्यासी है
कितनी बार तुम्हे पुकारों
और कितने मरहम बाकी है?
5 comments:
Beautiful
uhh that's very touching!
@~nm, @Life Begins - It really feels good to see your comments. Thank you. :-)
read something really nice after a long time !
"कितने अश्क थमे है पलकों पर
और कितनी दरिया प्यासी है"
~ superb !
@abodeofhorus - शुक्रिया दोस्त
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