Tuesday, June 02, 2015

बेबसी है , तन्हाई है , बेक़रारी है 
दिन कटा नहीं काटा है 
रात गुज़री नहीं गुज़ारी है 

दिल डूबता है और सांस भारी है 
जिए जाने की रसम जारी है 

दिन कटा नहीं काटा है 
रात गुज़री नहीं गुज़ारी है 

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