ठंडी सफ़ेद रातों में जब उदासी बरसती है
चुपके से आँखों में यादें तेरी रिसती है
सालों बीते ..बीतीं सदिया ......
लेकिन आज भी आँखों में खुशबू तेरी सिसकती है ......
चुपके से आँखों में यादें तेरी रिसती है
सालों बीते ..बीतीं सदिया ......
लेकिन आज भी आँखों में खुशबू तेरी सिसकती है ......
2 comments:
Very Anand Bakshi'ish.
that's a huge compliment :-)
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